हार गया लेकिन खुद से जीत गया(hindi motivation story) Har gaya lakin khud sa jeet gaya
हार गया लेकिन खुद से जीत गया

हरीश नाम का एक लड़का था उसको दौड़ने का बहुत शौक था
वह कई मैराथन में हिस्सा ले चुका था
परंतु वह किसी भी race को पूरा नही करता था
एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह race पूरी जरूर करेगा
परंतु वह किसी भी race को पूरा नही करता था
एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह race पूरी जरूर करेगा
अब रेस शुरू हुई
हरीश ने भी दौड़ना शुरू किया धीरे-धीरे
सारे धावक आगे निकल रहे थे
मगर अब हरीश थक गया था
वह रुक गया
फिर उसने खुद से बोला अगर मैं दौड़ नही सकता तो
कम से कम चल तो सकता हु
उसने ऐसा ही किया वह धीरे-धीरे
चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था
अब वह बहुत ज्यादा थक गया था
और नीचे गिर पड़ा
उसने खुद को बोला
की वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा
वह जिद करके वापस उठा
लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह रेस पूरी कर गया
माना कि वह रेस हार चुका था
लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से
उसने ऐसा ही किया वह धीरे-धीरे
चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था
अब वह बहुत ज्यादा थक गया था
और नीचे गिर पड़ा
उसने खुद को बोला
की वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा
वह जिद करके वापस उठा
लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह रेस पूरी कर गया
माना कि वह रेस हार चुका था
लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से
race को कभी पूरा ही नही कर पाया था
वह जमीन पर पड़ा हुआ थ
क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था
लेकिन आज वह बहुत खुश था
क्योंकि
आज वह हार कर भी जीता था
वह जमीन पर पड़ा हुआ थ
क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था
लेकिन आज वह बहुत खुश था
क्योंकि
आज वह हार कर भी जीता था
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